उद्देश्य:-
सुस्पष्ट तथा स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात भी शिक्षा जगत में व्याप्त नैराष्य के तिमिरावरण को विच्छिन्न कर शिक्षा में भारतीयता का सौरभ विकसित करते हुए नवीन पीढ़ी को राष्ट्रीय विचारों से युक्त तथा संस्कारों से अनुप्राणित शिक्षा की व्यवस्था करना, वह शुभ दिन था । 15 अगस्त 1967 और इस प्रकार जन्म हुआ सरस्वती शिषु मंदिर, कृष्णनगर सतना का 56 वर्षों की अपनी अनथक यात्रा में उद्देश्य की दिशा में सदैव गतिमान यह विद्यालय उपलब्धियों के नित-नूतन शिखरों को स्पर्श करता हुआ आपके समक्ष दैदीप्यमान है।
वर्तमान में विद्यालय भौतिक संसाधनो की दृष्टि से सुविकसित है। शिक्षा जगत में हो रहे नूतन प्रयोगों तथा नवाचारों से युक्त है। आधुनिक तकनीक को शिक्षण में सहभागी बनाने की दृष्टि से 08 स्मार्ट क्लास संचालित है । 55 कम्प्यूटरों से युक्त दो सुसज्जित कम्प्यूटर प्रयोगशालायें हैं। नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के तहत एक सुसज्जित अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है। शैक्षिक गुणवत्ता हेतु टीचमेंट ऐप की सुविधा है। शिशुओ के बौद्धिक विकास में सहायक 12 शैक्षिक व्यवस्थाओ से युक्त शिशु वाटिका है। विद्यालय के सभी कक्षा-कक्षों को सुसज्जित तथा महापुरूषों व शीर्ष वैज्ञानिकों के नाम से नामकरण किया गया है। प्राचार्य कक्ष को आधुनिक वातानुकूलित व सुसज्जित किया गया है। एक बृह्दाकार नवीन प्रसाधन का निर्माण किया गया है। विद्यालय के सभी खंडो में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति एक्वागार्ड के द्वारा सुनिश्चित है तथा अबाध विद्युत प्रदाय हेतु सोलर पैनल 20के.व्ही.,10 के.व्ही. का इन्वर्टर, 25 एवं 35 के.व्ही. जनरेटर की भी व्यवस्था है। सुरक्षा की दृष्टि से 49 नग सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाये गए है। सभी विभागों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है।
विद्यालय
माँ सरस्वती प्रतिमा
माँ दुर्गा प्रतिमा